शुक्रवार, 28 अगस्त 2020

 अखंड भारत मात्र एक विचार न होकर विचारपूर्वक किया हुआ  संकल्प है।  कुछ लोग विभाजन को पत्थर रेखा मानते है।  उनका ऐसा दृष्टिकोण सर्वथा अनुचित है।  मन में मातृभूमि  के प्रति उत्कट भक्ति न होने का यह परिचायक है।  

----  पंडित दीनदयाल उपाध्याय 

मंगलवार, 4 अगस्त 2020

शिक्षा एक एसा धन है , जिसे कोई चुरा नहीं सकता और ना ही कोई छीन सकता है । 
------ चाणक्य 

सोमवार, 3 अगस्त 2020

जिस प्रकार अयोग्य सेनापति द्वारा सेना का कुशल संचालन नहीं हो सकता उसी प्रकार कार्यकर्ता अकुशल हो तो शाखाएँ ठीक नहीं चल सकती । अतः प्रत्येक कार्यकर्ता को संघ का शिक्षण करना अनिवार्य है । ये वर्ग हमे कठिनाइयों में भी ध्येय का स्मरण रखते हुए संघ कार्य सिखाता है । 
---- परम पूजनीय श्री गुरुजी 
आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते पर आप अपनी आदते बदल सकते है और निश्चित रूप से आपकी आदतें आपका भविष्य बादल देगी । 
----- डॉ. कलाम 
मेरा संदेश विशेष रूप से युवाओ को है  - वे अलग तरह से सोचने का साहस रखे , कुछ नया करने का साहस रखे , अनजाने रास्तों पर चलने का साहस रखें । असंभव को संभव करने का साहस रखें , समस्याओं पर जीत हासिल करने का साहस रखें । यही महान गुण है , जिन पर युवाओं को जरूर कार्य करना चाहिए । 
----- डॉ. कलाम 
अपने समाज में मनुष्य बल, धन बल , बुद्धि बल , सब कुछ था परंतु मैं इस राष्ट्र का घटक हूँ तथा इसके लिए मेरा जीवन लगना चाहिए , यह भावना व्यक्ति के अंतकरण से लोप होने के कारण सब प्रकार की शक्ति के होते हुवे भी हिन्दू समाज पराभूत हुआ । इस सोचनीय अवस्था के निदान के रूप में समाज की नस नस मे राष्ट्रियता की उत्कट भावना को भरकर और इस भावना से प्रेरित होकर सम्पूर्ण समाज अनुशासित एवं संज्जीवित होकर पुनः दिग्विजय राष्ट्र के रूप में खड़ा हो , डॉक्टर जी के इस महामंगल संकल्प का मूर्त रूप है राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ । 
----- परम पूज्य रज्जु भैया 
हिन्दू राष्ट्र के परम वैभव के साधन स्वरूप धर्म का संरक्षण और उसके लिए हिंदुओं की विजयशालिनी संगठित कार्य शक्ति अर्थात इस सम्पूर्ण हिन्दू समाज की सुसंगठित एवं अनुशासित अवस्था को आधार देना ही संघ कार्य है ।
----- श्री दत्तोपंत ठेंगडी जी